बिहार में फर्जी शिक्षकों का मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड में भी हलचल है। यहां भी कई फर्जी शिक्षकों के होने की सूचना से विभाग में हड़कंप है। सूचना आयुक्त के निर्देश पर विभाग ने चार जिलों में शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा नए भर्ती हुए 2794 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी। शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने कहा कि नए शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की ऐतिहातन जांच की जा रही है।
उत्तराखंड में दून सहित चार जिलों में फर्जी शिक्षकों की सूचना मिली है। आरटीआई कार्यकर्ताओं ने विभाग को इन शिक्षकों के नामों की सूची उपलब्ध कराई है। जिस पर सूचना आयुक्त ने विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं। दून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल में इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी।
यह शिक्षक वर्षों पूर्व विभाग में भर्ती हुए थे। सूचना आयोग ने बोर्ड से जानकारी लेकर इनकी जांच करने को कहा है। दून में विभाग को 216 शिक्षकों के नामों की सूची मिली है। लगभग पांच सौ शिक्षक जांच के दायरे में आ रहे हैं।
शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने कहा कि पुराने शिक्षकों के साथ ही विभाग में हाल ही में भर्ती हुए 2794 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच कराई जाएगी। समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके निर्देश दिए गए हैं। यह शिक्षक अभी प्रोविजन पीरियड में हैं।
इनकी शिकायत पर हुई कार्रवाई
दून में विकासनगर निवासी एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर यह कार्रवाई की जा रही है। वहीं यूपी के मुरादाबाद और अन्य जगहों के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने भी इन शिक्षकों के संबंध में सूचना मांगी है।
बिहार में 1400 शिक्षकों ने दिया इस्तीफा
बिहार में हाल ही में शिक्षकों के बड़े स्तर पर फर्जी होने का मामला सामने आया है। वहां सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत पंडित और अन्य की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एन नरसिम्हा रेड्डी और सुधर सिंह की खंडपीठ ने जांच के आदेश दिए थे।
याचिकाकर्ता ने बहुत सारे लोगों पर फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने का आरोप लगाया था। ऐसे में 1400 प्राथमिक शिक्षकों ने कार्रवाई के डर से खुद ही इस्तीफा दे दिया।
उत्तराखंड में दून सहित चार जिलों में फर्जी शिक्षकों की सूचना मिली है। आरटीआई कार्यकर्ताओं ने विभाग को इन शिक्षकों के नामों की सूची उपलब्ध कराई है। जिस पर सूचना आयुक्त ने विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं। दून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल में इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी।
यह शिक्षक वर्षों पूर्व विभाग में भर्ती हुए थे। सूचना आयोग ने बोर्ड से जानकारी लेकर इनकी जांच करने को कहा है। दून में विभाग को 216 शिक्षकों के नामों की सूची मिली है। लगभग पांच सौ शिक्षक जांच के दायरे में आ रहे हैं।
शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने कहा कि पुराने शिक्षकों के साथ ही विभाग में हाल ही में भर्ती हुए 2794 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच कराई जाएगी। समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके निर्देश दिए गए हैं। यह शिक्षक अभी प्रोविजन पीरियड में हैं।
इनकी शिकायत पर हुई कार्रवाई
दून में विकासनगर निवासी एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर यह कार्रवाई की जा रही है। वहीं यूपी के मुरादाबाद और अन्य जगहों के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने भी इन शिक्षकों के संबंध में सूचना मांगी है।
बिहार में 1400 शिक्षकों ने दिया इस्तीफा
बिहार में हाल ही में शिक्षकों के बड़े स्तर पर फर्जी होने का मामला सामने आया है। वहां सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत पंडित और अन्य की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एन नरसिम्हा रेड्डी और सुधर सिंह की खंडपीठ ने जांच के आदेश दिए थे।
याचिकाकर्ता ने बहुत सारे लोगों पर फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने का आरोप लगाया था। ऐसे में 1400 प्राथमिक शिक्षकों ने कार्रवाई के डर से खुद ही इस्तीफा दे दिया।
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