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संविदा शिक्षक भर्ती में 45 फीसदी अंक वाले भी होंगे शामिल

भोपाल। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व नि:शक्तजन अभ्यार्थियों को 45 फीसदी अंकों पर भी संविदा शिक्षकों की भर्ती में मौका मिल सकेगा। इन अभ्यार्थियों को शैक्षणिक योग्यता में 5 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी गई है। शैक्षणिक योग्यता (हायर सेकेंडरी/ स्नातक) में छूट देने के बाद सेकंड राउंड में भर्ती के लिए दस्तावेजों को सत्यापन की तिथि भी बढ़ा दी गई है। पांच अक्टूबर तक अभ्यार्थी दस्तावेजों का सत्यापन करा सकेंगे। लोक शिक्षण संचालनालय ने शुक्रवार को उक्त आशय के आदेश जारी कर दिए है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने संविदा शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई की गाइड लाइन 23 अगस्त 2010 के आधार पर 27 जून 2011 को नियम जारी किए थे। विभाग ने व्यापमं के माध्यम से दिसंबर 2011 व जनवरी 2012 में संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की। पात्रता परीक्षा में पात्र डीएड-बीएड अभ्यार्थियों की पहले चरण की भर्ती जुलाई 2013 में संपन्न हो चुकी है। दूसरी तरफ 2 अगस्त 2012 को एनसीटीई ने नई गाइड लाइन जारी कर थीं। जिसका पालन करने के लिए अब संविदा शिक्षक भर्ती नियमों में संशोधन किया जाना था। नए नियमों में एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों को शैक्षणिक योग्यता में 5 फीसदी की छूट दी जाना थीं। पांच फीसदी छूट से 45 फीसदी अंक वाले उम्मीदवार भी भर्ती में शामिल हो सकते है। अभी तक इन उम्मीदवारों को 50 फीसदी अंक होने पर भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा था। लोक शिक्षण संचालनालय ने यह प्रस्ताव शासन के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया था। लेकिन इसमें समय लग रहा था। इस बीच विभाग ने भर्ती प्रक्रिया का सेकंड राउंड शुरू कर दिया। जिसमें शैक्षणिक योग्यता में छूट नहीं दी गई। कुछ अभ्यार्थियों ने न्यायालय की शरण ली। जिस माननीय उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक योग्यता में छूट देने को सेकंड राउंड की भर्ती में लागू करने के आदेश दिए। इसे देखते हुए विभाग ने सेकंड राउंड की काउंसलिंग में दस्तावेजों के सत्यापन की तिथि 5 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। मेरिट सूची 16 अक्टूबर को जारी की जाएगी।
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नान डीएड-बीएड वाले अभ्यार्थी अभी भी परेशान
संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में नान डीएड-बीएड अभ्यार्थियों को सेकंड राउंड में शामिल करने के लिए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) में शिक्षकों के लिए डीएड-बीएड अनिवार्य किया गया है। यह अधिनियम प्रदेश में 1 अप्रैल 2010 को लागू हुआ। अधिनियम के अनुसार तीन साल में प्रदेश के स्कूलों में सुविधाएं जुटाना थीं। तीन साल के भीतर नान डीएड-बीएड अभ्यार्थियों को भी व्यापमं की मेरिट के आधार पर भर्ती किया जा सकता था। स्कूल शिक्षा विभाग ने व्यापमं से समय पर परीक्षा करा ली, व्यापमं ने रिजल्ट भी वर्ष 2011 व 12 में रिजल्ट घोषित कर दिया था। लेकिन विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया लेट शुरू की। जब तक अधिनियम के तीन साल पूरे हो चुके थे। इसके बाद विभाग ने व्यापमं की मेरिट में जगह बनाने के बाद भी नान डीएड-बीएड अभ्यार्थियों को मौका नहीं दिया। अब विभाग ने ऐसे अभ्यार्थियों को मौका देने के लिए केंद्र से एक साल की छूट देने के लिए प्रस्ताव भेजा है। जिससे नान डीएड-बीएड अभ्यार्थियों को शामिल किया जा सके। लेकिन जब तक यह छूट भी मिलेगी, तब तक यह समय भी निकल चुकेगा।
 
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